राम राम किसान भाइयों अब मोथा घास की करें प्रमानेंट छुट्टी और फसल को रखें खरपतवार मुक्त (Motha Ghas Ki Dawai) व अपनी फसल को बर्बाद होने से बचाएं। राम राम किसान भाइयों आज के इस ब्लॉग में कृषि प्लस लाया हैं रामबाण इलाज अपनी फसलों को रखे मजबूत व खरपतवार मुक्त।
मोथा घास की दवाई (Motha Ghas Ki Dawai)
किसान साथियों आज के इस युग में खरपतवार का प्रकोप बढ़ा हैं जिससे किसानों की फसलें बर्बाद हो जाती हैं। तथा किसान भाई परेशान हो जाते हैं वह अपनी लागत का पूरा खर्चा भी नहीं निकाल सकते हैं इसलिए यह कंट्रोल नहीं होता हैं। ये घास बारिश के मौसम में ज्यादा उगता हैं तथा अनुकूल परिस्थितियों में इसके जड़ों में से अधिक से अधिक गांठे निकलती हैं। अगर आप धानुका सेम्प्रा हर्बीसाइड का उपयोग करेंगे तब ही इसपे कंट्रोल पाया जाएगा।
मोटा घास की परमानेंट छुट्टी का एक उपाय है धानुका की सेम्प हेलोसल्फ्यून मिथाइल 75%WG
कौन-कौनसी फसलों में यूज करें?
- गन्ने की फसल में इस्तेमाल कर सकते हैं।
- मक्का की फसल में इस्तेमाल कर सकते हैं।
मोथा घास की स्प्रे करते समय ध्यान रखने योग्य बातें?
• खेत में कोई भी क्रॉप (फसल) नहीं लगी होनी चाहिए।
• खेत में पर्याप्त नमी की आवश्यकता होती है।
• स्प्रे करने के बाद 20 से 30 दिन तक कोई भी फसल नहीं लगाए।
• छिड़काव करते समय सेम्प्रा हर्बीसाइड के साथ डीएपी, युरिया इत्यादि साथ में ना मिलाए।
सेम्प्रा की डोज
फसल | दवा | डोज | पानी की मात्रा |
---|---|---|---|
गन्ना, मक्का | सेम्प्रा | 36 ग्राम | 200 लीटर |
motha ghas ki dawa –धानुका की सेम्प्रा
मोथा घास की दवाई क्या है?(motha ghas ki dawa)
धानुका सेम्प्रा का इस्तेमाल करके आप छुटकारा पा सकते हैं
मोथा से छुटकारा कैसे पाते हैं?
पौधों को मैन्युअल रूप से उखाड़ना होता हैं लेकिन धानुका सेम्प्रा से काफी हद तक कंट्रोल पा सकते हैं
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ये सभी जानकारी हमने अनुभवी किसानो तथा भारत सरकार के वेबसाइट से प्राप्त की है।
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