खीरा ककड़ी की खेती
इस ब्लॉग के आधार पर खीरा ककड़ी की खेती की जानकारी व उन्नत किस्में सावधानियां नए तरीके के बारे में बताएंगे खीरा ककड़ी की खेती देश भर में की जाती है। कद्दूवर्गीय फसल में खीरा ककड़ी अपना महत्वपूर्ण स्थान रखती है। गर्मियों में खीरा ककड़ी की अधिक मांग रहती है। खीरे की मांग होटल शादियों में सलाद के रूप में की जाती है। किसान ककड़ी की खेती खरीफ रबी व जायद तीनों मौसमों में कर सकते हैं। खीरे में 80 से 90% पानी की मात्रा पाई जाती है। नई तकनीक व आधुनिक तरीकों से काफी हद तक अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।
खीरे की खेती का समय
खीरे की खेती आप तीनों मौसमों में कर सकते हैं जैसे :-
• जायद मौसम में - जून - जुलाई व अगस्त में कर सकते हैं।
• बरसात मौसम में - जनवरी - फरवरी में कर सकते हैं।
• ग्रीष्म ऋतु में - जनवरी-फरवरी में कर सकते हैं।
खीरे की उपयुक्त भूमि व जलवायु
• काली मिट्टी में।
• काली दोमट मिट्टी में।
• बलुई दोमट मिट्टी में।
खीरा की खेती सभी प्रकार की मृदा में की जा सकती है। बलुई दोमट मिट्टी खीरे की फसल के लिए सबसे सर्वोत्तम मिट्टी मानी जाती है इसमें कार्बनिक पोषक तत्व ज्यादा मात्रा में पाए जाते हैं। वह भूमि का पीएच मान 5.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए।
खीरे की खेती के लिए तापमान
• मिनिमम तापमान 12 डिग्री से 15 डिग्री तक।
• मैक्सिमम 22 डिग्री से 25 डिग्री तक ।
• अधिकतम तापमान 35 डिग्री से 36 डिग्री तक सबसे श्रेष्ठ तापमान माना जाता है जिससे फ्लोरिंग व ग्रोथ अच्छी तरह से होती है। 45 डिग्री से ऊपर तापमान है तो खीरे की खेती करना मुश्किल होता है।
खीरे की खेत की तैयारी
खेत की तैयारी के लिए कल्टीवेटर या देशी हल से मध्यम जुताई करें। मिट्टी को भुर -भुरा बना ले वह पाटा लगाकर जमीन को समतल कर देना चाहिए खेत के चारों ओर साफ-सफाई रखें जल की निकासी के लिए अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए।
खीरे की बुवाई विधि
1 एकड़ में बीज की मात्रा 600 से 700 ग्राम की आवश्यकता होती है तथा बीज उपचार के लिए 1 किलो बीज में 5 ग्राम कार्बेन्डाजिम व मेंकोजेब से उपचार करना चाहिए।
• बेड विधि से कर सकते हैं।
• मंडप विधि से कर सकते हैं।
• मल्चिंग विधि से कर सकते हैं।
खीरे के खाद व उर्वरक
• DAP उर्वरक खाद 50 किलोग्राम
• SSP उर्वरक खाद 100 किलोग्राम
• MOP उर्वरक खाद 20 किलोग्राम
• रिसेंट GR दानेदार 5 किलोग्राम
• गोबर की सड़ी हुई खाद की 2 ट्रॉली
बेड के ऊपर देना चाहिए।
खीरे में खरपतवार नियंत्रण
खीरे की फसल में आपको खरपतवार नाशक की स्प्रे करने की आवश्यकता नहीं है 2 से 3 बार निराई गुड़ाई करनी चाहिए।
• पहली निराई गुड़ाई 30 से 35 वे दिन करें।
• दूसरी निराई गुड़ाई 70 से 75 वे दिन करें।
खीरे की खेती में कीट व रोग
खीरे का पत्ती धब्बा रोग
पत्तियों पर छोटे-छोटे काले धब्बे दिखाई देते हैं और यह धब्बे धीरे-धीरे बढ़ते जाते हैं। पत्तियों को नुकसान पहुंचाते हैं।
रोकथाम
• मेंकोजेब या क्लोरोथायोलिन का प्रयोग करें।
• 1 से 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
खीरे का पाउडरी मिल्डयू रोग
इस रोग से सबसे पहले पत्तियों के ऊपरी भाग पर सफेद धब्बे दिखाई देते हैं बाद में पत्तियों पर सफेद चुर्ण जैसे धब्बे बन जाते हैं। संक्रमित पत्ते धीरे-धीरे सूख जाते हैं वह झड़ जाते हैं।
रोकथाम
• मेंकोज़ेब 1 से 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में डालकर छिड़काव करें।
• हेक्साकोनाजोल 5% SC 400 ml 200 लीटर पानी में डालकर स्प्रे करें।
खीरे का डाउनी मिल्डयू रोग
यह नुकसान पहुंचाने वाला रोग होता है जिससे पौधों की ग्रोथ व उत्पादन कम हो जाता है। शुरुआती दिनों में हरे-हरे अनगिनत धब्बे होते हैं बाद में पीले पीले धब्बे दिखाई देते हैं।
रोकथाम
मेंकोजेब 2 ग्राम प्रति लीटर पानी डाल कर स्प्रे करे
खीरे का जड़ गलन रोग
यह रोग आमतौर पर सब्जी वर्गीय फसल में ज्यादा देखा जाता है। धीरे-धीरे पौधों की पत्तियां पीली पड़ने लगती है वह पौधे मुरझाने लगता है। पौधे का तना भूरे रंग का होकर अंदर से सड़ने लगता है। पौधे की जड़ पूरी तरह से सड़ जाती है वह पौधा मर जाता है।
रोकथाम
• कार्बेंडाजिम 3 ग्राम प्रति लीटर पानी में डालकर पौधों के पास में देवे।
खीरे का मोजेक वायरस रोग
यह रोग विशेषकर नई पत्तियां में चितकाबरापन और सिकुड़न के रूप में दिखता है। पत्तियां पीली पड़ जाती है वह पौधों की बढ़वार रुक जाती है। रोग ग्रस्त पौधा बोना रह जाता है इसके पुष्प गुच्छे में बदलते दिखाई देते हैं।
• रोग प्रतिरोधी सहनशील किस्म का उपयोग करें।
• ग्रसित पौधों को उखाड़ कर फेंक दें।
• थायोमिथेक्सम 0.05%, 0.5 ग्राम प्रति लीटर पानी में डालकर स्प्रे करें।
खीरे की आधुनिक खेती
खरे की आधुनिक खेती करके किस ज्यादा से ज्यादा मुनाफा वह उत्पादन का सकते हैं तो लिए नई विधियों से खेती करें।
मंडप विधि से खेती
इस विधि से खीरे की शाखाओं को ऊपर चढ़ाने के लिए इस्तेमाल में लिया जाता है।
• पौधे से पौधे की दूरी 3 फीट
• लाइन से लाइन की दूरी 3 फीट
• पंक्ति से पंक्ति की दूरी 6 फीट
• मंडप की दूरी 3 फीट
• बांस से बांस की दूरी 10 से 15 फीट
• मंडप की ऊंचाई 6 से 7 फिट रखें।
खीरे के खाद ड्रिप विधि से
15 से 35 दिन की फसल हो तब
• NPK 19-19-19 = 2 किलोग्राम
• NPK 17-44-0 = 2 किलोग्राम
• NPK 12-61-0 = 2 किलोग्राम
• ह्यूमिक एसिड 500 ग्राम
• माइक्रोन्यूट्रिएंट्स 500 ग्राम प्रति एकड़ में ड्रिप से देवें।
40 से 65 दिन की फसल हो तब
• NPK 00- 52- 34 = 3 किलोग्राम
• NPK 13- 40- 13 = 3 किलोग्राम
• कैल्शियम नाइट्रेट 3 किलोग्राम
• मैग्नीशियम सल्फेट 3 किलोग्राम
70 से 120 दिन की फसल हो तब
• NPK 00- 00- 50, 5 किलोग्राम
• NPK 13- 00- 45, 5 किलोग्राम
• अमोनियम सल्फेट 5 किलोग्राम
• SOP खाद 5 किलोग्राम
खीरे की साधारण खेती के लिए खाद
पहला खाद :- 25 से 30 वे दिन
• यूरिया खाद 30 किलोग्राम
• माइक्रोन्यूट्रिएंट्स फर्टिलाइजर 5 किलोग्राम
प्रति एकड़ जड़ों के पास देखकर सिंचाई करें।
दूसरा खाद :- 45 से 50 वे दिन
• यूरिया खाद 30 किलोग्राम
• सल्फर 90% WDG 3 किलोग्राम
प्रति एकड़ जड़ों के पास देखकर सिंचाई करें।
तीसरा खाद :- 70 से 75 वे दिन
• यूरिया खाद 35 किलोग्राम
• ह्यूमिक एसिड 1 किलोग्राम
• सागरिका दानेदार 10 किलोग्राम
प्रति एकड़ जड़ों के पास देखकर सिंचाई करें।
चौथा खाद :- 100 से 120 वे दिन
• कैल्शियम नाइट्रेट 15 किलोग्राम
• बोरोन B- 20% 500 ग्राम
प्रति एकड़ जड़ों के पास देखकर सिंचाई करें।
हाइब्रिड भिंडी की खेती करके किसान हो रहे मालामाल
किसान भाई खेती के बारे और जानकरी के लिए भारत सरकार की वेबसाइट देखे
“नमस्ते! मैं हूं मनीष सांखला, आपका अपना किसान और ब्लॉगर। कृपया मेरे साथ जुड़ें krishiplus.com पर और खोजें खेती के नए राज़ और खेती के अद्वितीय उपकरणों के बारे में रोचक जानकारियां। आइए, साथ में खोजें भारतीय कृषि की नई दुनिया!